मुंबई -
बिश्नोई न्यूज़ :- रघुनाथ ऐचरा
श्री जम्भेश्वर मंदिर नायगांव में भव्य रात्रि जागरण एवं सुबह हवन पाहल का कार्यक्रम सम्मापन हुआ! महाराष्ट्र व गुजरात के क्षेत्र से कई हजारों की संख्या में भक्तगण पधारे! गुरू जाम्भोजी के बताये हुए नियमों के अनुसार संत रामाचार्य महाराज ने विशाल यज्ञ मे आहूति देते हुए 120 शब्दों का पाठ करके पाहल बनाया ! फिर सभी समाज के भक्तगणों ने भी हवन में ऩारीयल चढा कर आहुति देते हुए गुरू जी से पाहल गृहण किया! बिश्नोई धर्म सम्मेलन शुरू हुआ! समाज के कई प्रवक्ताओं ने समाज व पर्यावरण के हित में अपने अपने उचित विचार प्रकट किये!
#सीए_श्री_सत्येन्द्र_साहू ने बताया - कि बिश्नोई समाज मुंबई की ओर से मुकाम से समराथल धोरे पर जाने वालें मार्ग के दोनों साईडों में थोड़ी थोड़ी दुरी पर पीपल, नीम, रोहिड़ा आदि वहां के धरती पर उगने वालें किस्म के पौधे लगाने की मुहिम शुरू की है! तो मुंबई क्षेत्र के सभी समाज के लोगों से अनुरोध है! कि आप इस मुहिम में तन, मन, धन से सहयोग दे करके सफल बनावें ! कोई व्यक्ति एक पेड़ को गोद में लेकर के बड़े होने तक सेवा कर सकता है!
#श्री_रामरत्न_सिंगड़ ने बनाया - खेजड़ली बलिदान को विश्व में जुगों जुग यादगार रखने के लिए शहीद माँ अमृता देवी व 363 शहीदों पर सांखो फिल्म तैयार हो रही है! क्योंकि बिश्नोई समाज के 363 लोगों ने पेड़ो को बचाने के खातिर अपना शीश कटवा दिया था! तो हमारे समाज के लिए बहुत बड़े गर्व व खुशी की बात है! अभी थोड़ा इडिटीग व म्यूजिक का काम बाकी वो चल रहा है! आगामी दो तीन महीनों में भारत सरकार से अनुमति ले करके के बड़े पर्दे पर रिलीज करने वाले है!
#श्री_सुरज_बिश्नोई ने एक कविता प्रस्तुत की - "मैं तो चालिया महारे धाम कारणों थाने इतरो काम धावे नी कोई खेजड़ी म्हारी पियारी खेजड़ी" शहीद अमृता देवी के उपर कविता की रचना करते भक्तों के सामने प्रस्तुत की तो सभी लोगों के रोंगटे खंड़े हो गये! आंखों में पानी आ गया! कि हमारे समाज के पुर्वजों ने धन दौलत, संतान का स्वार्थ न करते हुए खेजड़ी वृक्ष बचाने के लिए बलिदान हो गये.
#श्री_पीराराम_खांवा ने बताया - कि हम साल के 365 दिन अपनी बल भुजा पर जी सकते हैं! तो हम किसी सज्जन के घर तीये दिन की बैठक में जाते है! वहां हमें न तो हमें जल गृहण करना चाहिए, न भोजन करना चाहिए! क्योंकि उस घर में दुःख का पहाड़ गिरा हुआ होता है! हम शौक मस्ती से जलपान व भोजन गृहण करते हैं! यह समाज के लिए बहुत बड़ी कुरीति है! पशु पक्षि जानवर भी समझते हैं! अगर उनका कोई बच्चा मत जाता है! तो वो भी दो तीन तक चारा (चुग्गों), पाणी गृहण नही करते हैं! लेकिन हम तो एक मानव प्राणी है! तो आज हम सभी लोग इस मंच से संकल्प लेते हैं! कि किसी के घर तीये की बैठक में जायेगें तो अन्न, जल गृहण नही करेगें! रही बात आजकल के युवा लोग नशे की लत में बहुत पड़ रहे हैं! उनसे अपील है! कि किसी प्रकार का नशा न करें!
#श्री_हीरालाल_ईराम_ट्रस्ट_अध्यक्ष ने बताया - कि यह श्री जम्भेश्वर चैरिटेबल सोसायटी ट्रस्ट (नायगांव जुंचन्द्र) सन 2007 में रजिस्टर करवाके मंदिर निर्माण कार्य शुरू किया था! इस ट्रस्ट में पच्चास से साठ लाख तक अंशदान राशि आयी है! अभी तक चालीस लाख खर्च हो गये है! बाकी राशि ट्रस्ट में जमा पड़ी हैं! अभी इस ट्रस्ट को रिनीयु भी करवाना है! ओर कार्यकरणी का भी पुनर्गठन करना है! क्योंकि 2007 में कार्यकरणी बनाई थी! वो काफी सदस्य मुंबई छोड़कर गांव चले गये हैं! तो यहां समय पर सेवा नही दे रहे है! तो थोड़े दिनों में पुरे समाज की सहमति से यहां के स्थानीय समाज सेवा लोगों को कार्यकरणी में जोड़ना है! ओर खुशी की बात है! कि आगामी दो तीन महीनों में यहां बिश्नोई समाज महा सम्मेलन करवाने की भी तैयारी कर रहे हैं!
#श्री_बाबुलाल_बिश्नोई मे बताया - कि अगर समाज की छोटी मोटी कुरीतियों को सुधारना है! तो सर्वप्रथम हमें अपने आप को सुधरना होगा! फिर अपने परिवार के सदस्यों को फिर धीरे धीरे प्रेरणा से पुरे समाज के लोग कुरीति घट कर समाज सुधर जायेगा! विशेष कर महिलाओं से निवेदन है! कि अपने छोटे बच्चों को हमारे समाज की रीति-रिवाज, सांस्कृतिक आदि संस्कार व प्रेरणा देनी होगी! ओर समाज से जुड़ी हर बातें उनको सिखाओं ताकि छोटी उमर से बच्चे समाज के हित में जान सके..
#श्री_ओमप्रकाश_ढांका ने बताया - कि सभी लोग अपने अपने गांव या पंचायत के दायरे में गोचर भूमी कही न कही होगी! तो आप वहां के प्रशासनिक विभाग से सम्पर्क करके एक हेक्टर या दो हैक्टर में शहीद अमृता देवी नाम से उद्यान बनाओ! उस उद्यान में ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाओ ओर आधे उद्यान में कुत्तों से होने वालें वन्य जीव शिकार उनके प्राथमिक उपचार एवं वन्य जीवों के सेवा व रक्षा (सुरक्षा) के लिए रैक्यु खोलों!
श्री नृसिंह जांगु, श्री सुनिल गोदारा, श्री कालुराम मांझु श्री किशनलाल भादू, श्री अशोक बोला, श्री रमेश गोदारा, श्री शैलेश बिश्नोई, श्री सत्यपाल बिश्नोई, श्री पप्पुराम ढांका, श्री सहिराम सियाग, रघुनाथ ऐचरा, श्री हरिश भाम्भू, श्री विरमाराम डारा, श्री सुरेश डुडी, श्री राजेश पुनिया, श्री केशरीमल गायणा, श्री पारस खिलेरी, श्री गंगाविशन बिश्नोई, श्री चेनाराम खिलेरी, श्री किशनाराम पुनिया (मालाड), श्री भैराराम ऐचरा, श्री रामलाल गोदारा, श्री हरदान डारा, श्री कालुराम साहू, श्री जयराम सारण, श्री मांगीलाल गोयत, श्री मोहन खांवा, श्री किशन ऐचरा आदि गणमान्य लोगों की उपस्थिति रही
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