संवाददाता
रामकिशन बिश्नोई
बिश्नोई न्यूज़ नेटवर्क
श्रीगंगानगर,
सतगुरु जाम्भोजी की पवित्र तपोभूमि से स्विटजरलैंड पहुँच कर ब्रूनो बिश्नोई ने सतगुरु जाम्भोजी के ज्योति स्वरूप को सात समुन्दर पार यूरोप में प्रज्वलित किया है। सतगुरु जाम्भोजी और उनके उपदेशों के प्रति इनकी आस्था, विश्वास नमनीय है। इन्होंने स्विटजरलैंड और कम्बोडिया में सतगुरु जाम्भोजी की पर्यावरणीय शिक्षाओं, नियमों और उपदेशों के माध्यम से पर्यावरण और वन्य जीवों के संरक्षण और संवर्धन हेतु लोगों को जागरूक करना शुरू किया है, और लोगों को गुरु जांभोजी की शिक्षाओं, 29 नियमो, बिश्नोई जीवन शैली के माध्यम से पर्यावरण जीव संरक्षण का सन्देश दे रहे है। ये हमारे लिए बहुत गर्व की बात है। ब्रूनो बिश्नोई को पिछले एक वर्ष से श्रीगुरु जम्भवाणी जन-जागृति मंच, श्रीगंगानगर के युवा सदस्यों द्वारा सतगुरु जाम्भोजी की शिक्षाओं, उपदेशों, धर्म-नियमों, जाम्भाणी साहित्यकी जानकारी प्रदान करवाई गयी। फलस्वरूप इनमे सतगुरु जाम्भोजी और #Bishnoism के बारे में और अधिक जानने की इच्छा प्रकट हुई। आपने सम्भरथल, मुकाम, पीपासर, जांगलू, जाम्भा आदि साथरियो का दर्शन किया। साथ ही बिश्नोई मंदिर डाबला, श्रीगंगानगर भी भ्रमण किया। जल्द ही आप पुनः आयेंगे।
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