तिलवासनी हरिकथा में आचार्य सुदेवानंद ने बताया कि जीवो की रक्षा करना ही भगवान की भक्ति का एक रूप है:-Bishnoi News - Jambhani Samachar

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Wednesday 28 December 2016

तिलवासनी हरिकथा में आचार्य सुदेवानंद ने बताया कि जीवो की रक्षा करना ही भगवान की भक्ति का एक रूप है:-Bishnoi News

संवाददाता
लक्ष्मण सिंह बिश्नोई

बिश्नोई न्यूज तिलवासनी:-
                                    प्रकृति मे उपस्थित सभी पेड पोधे जीव जन्तु ही प्रकृति के सन्तान के रूप मे है उनकी रक्षा करना हमारी प्राथमिकता है, तथा जीवो की रक्षा करना ही भगवान की भक्ति का ही एक रूप है यह शब्द निकटवर्ती गांव तिलवासनी मे चल रही सात दिवसीय  जम्भवाणी भागीरथी कथा के चतुर्थ दिन कथा वाचक  आचार्य सुदैवानंद महाराज ने कहे ।कथा के दौरान उपदेश देते हुए  आचार्य सुदेवानंद ने कहा कि अधर्म का नाश करने के लिए समय समय पर भगवान विष्णु स्वय अवतार लेकर आते है, भगवान हमेशा भाव से प्रसन्न होते है, जहा भगवान रहते है वहा उदासीनता का कोई स्थान नही रहता, साथ ही कहा कि अभिमान,  अहंकार, कोध्र  भगवान कोर कभी भी प्रिय नही होता, भगवान दयालु होते है , प्रत्यक्ष है कि भगवान हर जीव मे विद्यमान रहता है,संसार मे भगवान तीन रूप मे विद्यमान है वो है माता पिता एव गुरु । कथा मे भजनो के सम्राट सुरेश लटियाल एव घेवर लाम्बा ने अपने भजनो की प्रस्तुति देकर सबका मनमोह लिया एव श्रोताओ को झूमने पर मजबूर किया ।इस मोके पर महंत नृसिंह दास, शान्ति दास, अनूपदास, मनोहरदास, भजन कलाकार सुमित पडियाल,कैलाश लटियाल,जीतु पीलवा,कैलाश खिलेरी, तिलवासनी संरपच सैणूदेवी विश्नोई सहित तिलवासनी,लाम्बा, रावर,विष्णु नगर, मूदो की ढाणी,चिरडाणी,बोयल ,सहित  आसपास के क्षेत्र के सैकडो लोग मोजूद थे,।

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