संवाददाता
लक्ष्मण सिंह बिश्नोई
जोधपुर
बिश्नोई न्यूज तिलवासनी:-
वन्यजीवो एव पर्यावरण को बचाने के लिए जो अपने प्राणो की अहुति देते है वो सदा सदा के लिए अमर हो जाते है यह शब्द तिलवासनी मे जम्भवाणी भागीरथी कथा के पाचवे दिन कथा वाचन करते हुए आचार्य सुदेवानंद महाराज ने कहे, कथा के दोरान से आचार्य सुदेवानंद ने कहा कि आपसी भाईचारे से प्रेम भावना बढती है ओर जहा प्रेम भावना होती है वहा भगवान निवास करते है , भगवान सिर्फ वही निवास करते है जहा लोग प्रेम भाव से रहते है, गौ माता की सेवा भी भगवान की भक्ति के समान है, भगवान की भक्ति का कोई प्रतिबंध नही है किसी भी समय भगवान की भक्ति की जा सकती है, ।भगवान जम्भेश्वर ने पर्यावरण संरक्षण को आज से पाच सो वर्ष पहले सही बताया था, उस पर सरकार आज गहन विचार विमर्श कर रही है, गुरू जम्भेश्वर के बताए उन्नतीस नियमो पर चल कर ही जीवन को सफल बनाया जा सकता है,
जम्भवाणी साहित्य परीक्षा का हुआ आयोजन :-
कथा आयोजन समिति एव गुरू जम्भेश्वर शिक्षा विकास समिति के सयुंक्त तत्वावधान मे जाम्भाणी साहित्य परीक्षा का आयोजन हुआ, इसमे एक सो पचास छात्रो ने भाग लिया ।परीक्षा को सफल बनाने के लिए आचार्य सुदेवानंद महाराज स्वय मोजूद रहे ।
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