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Monday 26 December 2016

उन्नतीस नियमो की परिधि मे रहकर ही संभव है सबका सर्वागीण विकास(तिलवासनी):- आचार्य सुदेवानंद

संवाददाता
लक्ष्मण सिंह बिश्नोई

विश्नोई न्यूज तिलवासनी,
                                 :- गुरू जम्भेश्वर भगवान के बताए उन्नतीस नियमो को अपनाकर ही मनुष्य मात्र  अपने जीवन  को सफल बना सकता है।इन नियमो की सीमा मे रहकर ही व्यक्ति का  उसका सर्वागीण विकास संभव है , यह बात तिलवासनी के जम्भेश्वर मंदिर मे चल रही सात दिवसीय जम्भवाणी भागीरथी कथा के दुसरे दिन प्रवचन करते हुए कथावाचक आचार्य सुदेवानंद ने कही, कथा के दूसरे दिन आचार्य सुदेवानंद महाराज ने कहा कि यदि व्यक्ति को चोरासी लाख जन्मो के बाद मनुष्य जीवन की प्राप्ति हुई है इसका सदुपयोग करना चाहिए यह मानव जीवन बार बार नही मिलता, इस जीवन मे हमे अच्छे  कर्म करने चाहिए, हमारे हर कार्य का लेखाजोखा भगवान के पास रहता है , तथा कहा कि भगवान सर्व व्यापी है वो सब जगह निवास करते है , भगवान कभी भी किसी का बुरा नही करते वो सदा सबके हितो की रक्षा करते है , जब भी कभी भक्त को कष्ट होता है तो भगवान स्वय विभिन्न रूप मे आते है, यदि मानव जाति को जन्म मरण के भय से मुक्ति पानी है तो इसका एक ही रास्ता है  ओर वो है परमात्मा की भक्ति ।इस भगवान की  भक्ति के बिना मोहमाया रूपी संसार से मुक्ति संभव नही है । कथा वाचन के दोरान बीच मे आचार्य सुदेवानंद महाराज ने सगीतमय भजनो की प्रस्तुति देकर श्रोताओ को झूमने पर मजबूर किया । इस मोके पर आयोजन समिति के अध्यक्ष  स्वामी मंहत नृसिंह दास, संत  अनूपदास,संत शान्ति दास ,सहित तिलवासनी, चिरडाणी,लाम्बा, रावर,जाणी की ढाणी,मुन्दो की ढाणी,बोयल,कोसाणा सहित अन्य जगहो के सैकडो स्त्री पुरुष  मोजूद थे।

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