उड़नदस्ता वन्य जीव टीम भेजनें की मांग अज्ञात वन्य जीव ने दी दस्तक संगरिया में:- Bishnoi News - Jambhani Samachar

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Monday 30 January 2017

उड़नदस्ता वन्य जीव टीम भेजनें की मांग अज्ञात वन्य जीव ने दी दस्तक संगरिया में:- Bishnoi News

अज्ञात वन्य जीव की दस्तक से भयभीत ग्रमीणों की सुरक्षा की पुकार

संवाददाता
अनिल विश्नोई

पीलीबंगा, 30 जनवरी:-  हनुमानगढ़ जिले की संगरिया क्षेत्र में आये एक खूंखार वन्य जीव की दस्तक को लेकर श्री जम्भेश्वर पर्यावरण एवं जीव रक्षा संस्था ने राज्य के प्रधान एवं मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक जयपुर को एक ज्ञापन भेजकर कर खूंखार वन्य जीव को पकड़ने के उड़नदस्ता वन्य जीव की टीम को बुलाकर पिंजरा लगाकर पकड़ने की मांग की है। संस्था के प्रदेश महामंत्री अनिल बिश्नोई लखासर ने भेंजे ज्ञापन में बताया है कि गत काफी दिनों से एक खूंखार वन्य जीव प्रतापनगर, मोरजंड, नुकेरा, इंद्रपुरा व रतनपुरा के आस पास देखा गया। जिससे  ग्रामीण भयभीत हुए । ग्रामीण इलाके में कई जनों को काट कर घायल करने का मामला प्रकाश में आया है।  प्रतापनगर में एक खूंखार जानवर के काटने से पांच लोग सहित दो पालतु मवेशी को जख्मी किया है। जिसमें एक जने को गंभीर घायल में बठिंडा रेफर किया गया जबकि बाकी का हनुमानगढ़ में उपचार जारी है। अज्ञात जानवर का पत्ता नहीं चलते ग्रामीणों में भय व्याप्त है। जानकारी के अनुसार ग्रामीण अमोलक सिंह खोसा, पूर्व उपसरपंच निर्भय सिंह ने बताया कि शुक्रवार को गांव के निकट खेत में पानी लगाते समय अचानक आये अज्ञात जानवर ने किसान सखुसिंह पर आक्रमण कर दिया । किसान के पिता दारासिंह ने कस्सी से वार कर जानवर को भगाया ।  मगर भागते समय जानवर ने इसे भी जख्मी कर दिया । जानवर के आक्रमण से सखुसिंह के मुहँ , हाथ नोंच डाला। इसके बाद जानवर ने सरदारा राम मेघवाल के घर में बंधी गाय , भेस को जख्मी कर दिया । इसी प्रकार  जानवर ने महेंद्र सिंह  व उसकी पुत्री को भी जख्मी कर दिया । दारासिंह ने जानवर से सुरक्षा करते समय कस्सी से वार करने से घायल जानवर खेत में छीप गया। इसकी काफी जगह तलाश की गयी लेकिन इसके मूवमेंट का पत्ता नहीं चल पाया । जबकि इसके पंजे के निशान कई जगह देखें गये है ।  ग्रामीणों का रात को ठीकरी पहरा लगाया जा रहा है । ग्रामीण चरणजीत सिंह , सुखजिंदर सिंह , नरेश सोनी ने बताया कि कुत्ते जैसेे दिखने वाले अज्ञात जानवर के पंजे व पैर लम्बे है और इसे देखकर कुत्ते भी दुबक गये ।

अक्सर जिले में आता रहा खूंखार वन्य जीव ...

ज्ञापन में बताया गया कि खूंखार वन्य जीव कई बार पूर्व में देखा गया । कुछ समय पूर्व 2016 में पीलीबंगां के बड़ोपल क्षेत्र में और उससे पूर्व 2015 में टिब्बी के मसीतावाली क्षेत्र में खूंखार वन्य जीव  के अलग अलग भागो में आने के पदचिन्ह पाये गये है तथा मवेशियों का शिकार भी किया गया ।

लुप्त प्रायः जानवर जरख हो सकता है ...

वन्य जीव प्रेमी अनिल बिश्नोई का कहना है कि पंजे एवं बताये गये हुलिए के अनुसार अज्ञात जानवर  दुर्लभ प्रजाति का जरख हो सकता है जो लुप्त प्रायः है  इस प्रजाति को बचाने की चुनोती है । यह अलग बात है कि  जिले में जरख नहीं है परंतु हरियाणा ,पंजाब या फिर चुरू की तरफ से  में कई बार आता जाता रहा । पूर्व में पीलीबंगा , टिब्बी के ग्रामीण क्षेत्रों में इसी तरह के जानवर के पंजे के निशान पाये गये है और हरियाणा की सीमा से आये हुए तेंदुआ को पूर्व देखा गया था । फिर भी आमजन शांत रहे , भयभीत नहीं हो

फोटो :- क्षेत्र में देखे गए पदचिन्ह 
फोटो :- जरख फाइल फोटो

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