संवाददाता
लक्ष्मण सिंह बिश्नोई
जोधपुर
बिश्नोई न्यूज तिलवासनी:-
संस्कारो का जीवन मे बहुत महत्व होता है, संस्कारो को अपने जीवन मे ढालने से इस भवसागर से पार उतरा जा सकता है, यह शब्द तिलवासनी मे चल रही जम्भवाणी हरिकथा के छठे दिन कथावाचक करते हुए आचार्य सुदेवानंद ने कहे, साथ ही कहा कि अमावस्या का व्रत का विश्नोई समाज मे विशेष महत्व होता है, यह व्रत हर विश्नोई करना चाहिए, गुरु जम्भेश्वर शब्दवाणी का उल्लेख करते हुए कहा कि जपा तो निरालम संभू ,जीव दया पालणी रूख लीला ना घावे का व्याख्यान करते हुए इनका विश्नोई समाज मे महत्व बताया ।विभिन्न प्रकार के नशे से हो रहे दुस्प्रभाव का उपदेश देते हुए कहा कि नशा नाश की जड होती है, एव जातिवाद का विरोध करते हुए शब्दवाणी का उल्लेख करते हुए कहा कि उतम कुली का उतम ना होयबा कारण किरया सारू ।अर्थात व्यक्ति किसी घर जन्म लेने से उतम नही होता आदमी वही उतम होता है जो कार्य उतम करता है, इस मोके पर आयोजन समिति के अध्यक्ष नृसिंह दास, स्वामी मनोहरदास, भजन मंडली सुरेश लटियाल,कैलाश, सुनील,आदि मोजूद थे।
कथा मे उमडा जनसैलाब :-
जम्भवाणी हरिकथा के छठे दिन कथा सुनने के लिए तिलवासनी, चिरडाणी,रावर
लाम्बा, मूदो की ढाणी,विष्णु नगर, कापरडा,बोयल गावो के सैकडो लोगो मोजूद मोजूद रहे।
प्रतिभावान छात्र छात्रो, समाजसेवी लोगो एव नये सरकारी सेवा मे चयनित अभियार्थीयो का सम्मान समारोह शनिवार को आयोजित होगा
जम्भवाणी हरिकथा के अंतिम दिन स्वामी भागीरथ दास के सनिध्य मे प्रतिभावान छात्र छात्रो, समाजसेवी लोगो एव नये सरकारी सेवा मे चयनित अभियार्थीयो का सम्मान समारोह शनिवार को आयोजित होगा , इस तिलवासनी के विभिन्न क्षेत्र मे समाज का नाम करने वाले चालीस लोगो को सम्मानित किया जाएगा ।
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